एक निर्णय का शैतान
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याकूब 1:13-16 जब किसी की परीक्षा हो, तो वह यह न कहे, कि मेरी परीक्षा परमेश्वर की ओर से होती है; क्योंकि न तो बुरी बातों से परमेश्वर की परीक्षा हो सकती है, और न वह किसी की परीक्षा आप करता है। 14 परन्तु प्रत्येक व्यक्ति अपनी ही अभिलाषा में खिंच कर, और फंस कर परीक्षा में पड़ता है। 15 फिर अभिलाषा गर्भवती होकर पाप को जनती है और पाप जब बढ़ जाता है तो मृत्यु को उत्पन्न करता है। 16 हे मेरे प्रिय भाइयों, धोखा न खाओ।
जब हम परीक्षा के आगे झुक जाते हैं, तो यह अच्छा अहसास नहीं होता है। यदि केवल हम इसे वापस कर सकते लेकिन हम नहीं कर सकते। तो किसे दोष देना है। आपको ? मुझे ? जी नहीं। शायद शैतान होना चाहिए। लेकिन परमेश्वर ने उसे हमारी परीक्षा क्यों लेने दी?
जब हम परीक्षा में पड़ जाते हैं तो इसका दोष देने के लिए हम कह सकते हैं – हाँ, यह शैतान ने किया। और परमेश्वर ने इसे आते देखा, उसने इसकी अनुमति दी, इसलिए वह भी दोषी है। परंतु …बाइबल मे लिखा है
याकूब 1:13-16 जब किसी की परीक्षा हो, तो वह यह न कहे, कि मेरी परीक्षा परमेश्वर की ओर से होती है; क्योंकि न तो बुरी बातों से परमेश्वर की परीक्षा हो सकती है, और न वह किसी की परीक्षा आप करता है। 14 परन्तु प्रत्येक व्यक्ति अपनी ही अभिलाषा में खिंच कर, और फंस कर परीक्षा में पड़ता है। 15 फिर अभिलाषा गर्भवती होकर पाप को जनती है और पाप जब बढ़ जाता है तो मृत्यु को उत्पन्न करता है। 16 हे मेरे प्रिय भाइयों, धोखा न खाओ।
यहाँ पर हम देखते हैं – सबसे पहले, परमेश्वर में कोई बुराई नहीं है। यह उसके स्वभाव में ही नहीं है इसलिए वह स्वयं हमें लुभाता नहीं है। और जबकि कभी-कभी शैतान इसमे शामिल होता है, पर इस विशेष मार्ग में परमेश्वर इसे पूरी तरह से हमारी जिम्मेदारी बताता है।
आप कुछ ऐसा चाहते हैं जो आपके पास नहीं है – वह इच्छा की चिंगारी है। जितना अधिक हम इसके बारे में सोचते हैं, उतना ही हम इसके बहकावे में आ जाते हैं – यह इच्छा की वह चिंगारी है, जो हमारे विचारों से प्रेरित है। जो पूर्णतया पाप में बदल जाता है। जितना अधिक हम पाप करते हैं, उतना ही अधिक हम अनन्त मृत्यु के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं।
धोखा मत खाओ, मेरे प्रिय। कभी-कभी यह शैतान नहीं होता, यह हमारा निर्णय होता है। इसलिए उस इच्छा की पहचान करें जो आपको बार-बार पाप की ओर ले जाती है। और उसे क्रूस के नीचे रख दो
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए…